रमन के खिलाफ थाने पहुंची महापौर
राजनांदगांव। इजराइली एजेंसी पेगासस के माध्यम से कथित जासूसी के प्रयास को लेकर महापौर हेमा देशमुख ने पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने शुक्रवार को समर्थकों के साथ कोतवाली थाने जाकर एक आवेदन दिया। बाद में थाने के बाहर भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की गई।
महापौर हेमा देशमुख के नेतृत्व में दोपहर में एमआईसी सदस्यो व कांग्रेस पार्षद कोतवाली थाना पहुचा था। पेगासस स्पाई वेयर द्वारा निजता के कथित उल्लंघन के मामले में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के विरुद्ध लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए एफआईआर करने की माँग की गई।
महापौर ने बताया कि पेगासस कंपनी के लोग 2017 में छत्तीसगढ़ में आए थे। तब भाजपा की सरकार में डा. रमन सिंह मुख्यमंत्री थे और पुलिस के साथ उनकी चर्चा हुई थी। इसकी जानकारी एक अखबार के माध्यम से सामने आई है। इस आधार पर प्रदेश सरकारद्वारा नवंबर 2017 में एक समिति गठित की गई थी। समिति ने इस मामले में जांच में पाया कि पेगासस के साथ हुई बैठक की जानकारी से जुड़े दस्तावेज जला दिए गए हैं, जो कि गंभीर विषय है। महापौर ने रमन सिंह से सवाल करते हुए कहा है कि पेगासस कंपनी के साथ हुई बैठक की जानकारी को लेकर बताएं कि कंपनी के लोगों के साथ उनकी बैठक हुई थी या नहीं? भाजपा ने कुछ गलत नहीं किया तो उसका विवरण उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए।
पत्रकारों की फोन टेपिंग की गई
साथ ही पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओ, राजनेताओ एवं प्रशासनिक अधिकारियों के फोन की टेपिंग की गई जो निजात का उलांघन है। इस मामले में उन्होंने एफआईआर जरूरी बताया। महापौर के साथ एमआईसी के चेयरमैन विनय झा, सतीश मसीह, मधुकर बंजारी, गणेश पवार, राज तिवारी, राजेश गुप्ता, भागचंद साहू, आशिफ अली, आमीन हुड्डा, सिद्धार्थ डोंगरे, पूर्णिमा नागदेवे, अरविंद वर्मा ,शरद पटेल, ऋषि शास्त्री, इसाख खान, युवा कांग्रेसी सौरभ तिवारी, मानव देशमुख,प्रतीक अग्रवाल आदि भी थाने पहुंचे थे।